दोस्ती-दुश्मनी ऋत्विक.Jul 29, 2024Aug 4, 2024 लहरों को चीरने के जोश में,हम लहरों के साथ तैरना भूल गये ! बाजी जीतने के जोश में,हम दोस्ती निभाना भूल गये ! सफलता की चाहत में ,हम इंसान बनना भूल गये ! मुश्किलों के सामने ,हम हँसना भूल गये ! ज़िंदगी के बोझ तले ,हम जीना भूल गये| <span class="nav-subtitle screen-reader-text">Page</span> Previous Postज़िदNext PostDigital Portraits Related Posts Papa जिस नाम को समझ ने में मेरी आधी उमर गुजर... ऋत्विक.Aug 18, 2025 हक है लोगों को हक है लोगों को, की हमारी काबिलियत पर शक करें;... ऋत्विक.Aug 5, 2025Aug 10, 2025 साधारण योद्धा की गाथा भीम की वीरता और गुरु द्रोण की चुप्पी सुनी, दुःशासन... ऋत्विक.Aug 5, 2025Aug 10, 2025 Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
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