साधारण योद्धा की गाथा

भीम की वीरता और

गुरु द्रोण की चुप्पी सुनी,

दुःशासन का कृत्य और 

द्रौपदी की पुकार सुनी,

दुर्योधन का लालच और

शकुनी की चाल सुनी,

अर्जुन की दुविधा और

माधव की गीता सुनी।

पर रक्त से लाल उस रणभूमी में

वीरों के उस भीड़ में

कर्तव्य निभाने की मजबूरी में

एक साधारण योद्धा की न कोई गाथा सुनी।

भीष्म जितना अदम्य न सही

पर वह भी रणधीर था

कर्ण जितना दानवीर न सही 

पर धर्म को प्राण दान वह भी दे बैठा था

युधिष्ठिर जितना सदाचारी न सही

पर वह भी नेक था

अभिमन्यु जितना साहस न सही 

पर वह भी एक शूरवीर था।

पर रक्त से लाल उस रणभूमी में

वीरों के उस भीड़ में

कर्तव्य निभाने की मजबूरी में

एक साधारण योद्धा की न कोई गाथा सुनी।

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