यह राम, हमारे-तुम्हारे बस की बात नहीं।
राम को पूजन से भी पहले
काबिल होना होगा,
मर्यादा पुरुषोत्तम का मतलब समझना होगा।
यह राम, हमारे-तुम्हारे बस की बात नहीं।
सिर्फ नामस्मरण से काम नहीं चलेगा
पहले मन के रावण को जलाना होगा,
अहंकार को ढालना होगाl
यह राम, हमारे-तुम्हारे बस की बात नहीं।
किसी और के वचन के खातिर
सालों तक वनवास सहना होगा,
युद्ध भी मर्यादा में रहकर लड़ना होगा।
यह राम, हमारे-तुम्हारे बस की बात नहीं।
कर्म-धर्म को तोलने के बाद
फिर हर युद्ध पहले मन में लड़ना होगा,
उसके बाद भी समाज को समाधान देना होगा।
यह राम, हमारे-तुम्हारे बस की बात नहीं।
ऋत्विक.